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बेतिया का महान ध्रुपद संगीत घराना

 आपके घर के पास ऐसा एक महान घराना हो जो उस संगीत परंपरा को संभाले हो, जिससे जसराज मिश्र,श्याम मालिक,कुंज बिहारी उमा चरण, जयशंकर मिश्र जैसे महान संगीतज्ञ आते हो, जिस घराने से संगीत सीख कर माना जाता है रामदास और तानसेन महान हो गए, तो गांव, वह क्षेत्र वैसे ही धन्य हो जाता है। हम बात कर रहे हैं बेतिया घराने की।  कहा जाता है बनारस घराने में भी ध्रुपद गायकी बेतिया से ही गई है। बड़े रामदास बेतिया घराने की शिष्य थे। बनारस घराने में जहां तानसेन की ध्रुपद शैली अपना ली, वही बेत्तिया घराना हरिदास स्वामी के शैली पर अडिग रहा। बेत्तिया की शैली में भाव द्वारा गायन को सजीव करने की विशिष्ट कला है जो विरले ही, अन्य किसी घराने में देखने को मिलती है। यह ध्रुपद की उन शैलियों में से एक है, जो ध्रुपद की वास्तविक मौलिकताओं को बनाए हुए हैं। नौहर और खंडार वाणी का प्रयोग इस शैली को अलग रूप देता है। इस घराने की उत्पत्ति 13वी से 14वीं शताब्दी में मानी जाती है, कंगाली मलिक से इस संगीत की महान परंपरा का जन्म हुआ, जिसे बाद में जसराज और युवराज मिश्र ने शाहजहां के दरबार में प्रसिद्धि दिलाई। जहां इन्हे मालिक की ...